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Showing posts from July, 2023

जगत में कोई ना परमानेंट,

 जगत में कोई ना परमानेंट, जगत में कोई ना परमानेंट, तेल चमेली चन्दन साबुन, चाहे लगालो सेंट, जगत में कोई ना परमानेंट, आवागमन लगी दुनियाँ में, जगत है रेस्टोरेंट, रे प्यारे जगत है रेस्टोरेंट, अंत समय में उड़ जायेंगे, तेरे तम्बू टेंट, जगत में कोई ना परमानेंट, जगत में कोई ना परमानेंट, हरिद्वार चाहे मथुरा काशी, घुमो दिल्ली केंट, रे प्यारे घूमों दिल्ली केंट, मन में नाम प्रभुः का राखो, चाहे धोती पहनो या पेण्ट, जगत में कोई ना परमानेंट, जगत में कोई ना परमानेंट, मन में नाम गुरु का राखो, चाहे धोती पहनो या पेंट, जगत में कोई ना परमानेंट, जगत में कोई ना परमानेंट, राष्ट्रपति या जर्नल कर्नल चाहे हो लेफ्टिनेंट, ये काल सभी को जाएगा, लेडीज हो या जेन्ट्स, जगत में कोई ना परमानेंट, जगत में कोई ना परमानेंट, साधू संत की संगत कर लो, ये सच्ची गवरमेंट, रे प्यारे ये सच्ची गवरमेंट, लाल सिंह कहे इस दफ्तर मत होना अबसेंट, जगत में कोई ना परमानेंट, जगत में कोई ना परमानेंट, तेल चमेली चन्दन साबुन, चाहे लगालो सेंट, जगत में कोई ना परमानेंट,

मेरे मालिक के दरबार में, सब लोगो का खाता

  मेरे मालिक के दरबार में, सब लोगो का खाता जितना जिसके  भाग्य में होता , वो उतना ही पाता मेरे मालिक के दरबार में.... क्या साधू क्या संत गृहस्थी, क्या राजा क्या रानी, प्रभु की पुस्तक में लिखी है, सब की कर्म कहानी, वही सभी के जमा खरच का, सही हिसाब लगाता,  मेरे मालिक के दरबार में ...  बड़े कड़े कानून प्रभु के, बड़ी कड़ी मर्यादा, किसी को कौड़ी कम नही देता, किसी को दमड़ी ज्यादा इसलिए तो दुनिया में ये  जगत सेठ कहलाता,  मेरे मालिक के दरबार में ... करते हैं फ़ैसला सभी का  प्रभु आसन पर  डट के, इनका फैसला कभी ना बदले, लाख कोई सर पटके, समझदार तो चुप रहता हैं, मूरख़ शोर मचाता,  मेरे मालिक के दरबार में....

अजब जमाना आया रे,

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 डर लागे, डर लागे, डर लागे डर लागे और हाँसी आवे, अजब जमाना आया रे, अजब जमाना आया रे, डर लागे, डर लागे, धन दौलत से भरा खजाना, वैश्या नाच नचाया रे मुट्ठी अन्न जो साधू माँगे,कहे अनाज नहीं आया रे, कहे अनाज नहीं आया रे, कहे अनाज नहीं आया रे, डर लागे, डर लागे, डर लागे और हाँसी आवे, अजब जमाना आया रे, डर लागे, डर लागे, डर लागे और हाँसी आवे, अजब जमाना आया रे, कथा होय तहाँ श्रोता सोवे, वक्ता मूढ़ पचाया रे होय कहीं स्वांग तमाशा, तनिक ना नींद सताया रे, तनिक ना नींद सताया रे, डर लागे, डर लागे, डर लागे और हाँसी आवे, अजब जमाना आया रे, डर लागे, डर लागे, डर लागे और हाँसी आवे, अजब जमाना आया रे, भाँग, तमाखू, सुलफा, गाँजा, सूखा खूब उड़ाया रे गुरुचरणामृत नेम ना धारे, मधुआ चाखन आया रे, भाँग, तमाखू, सुलफा, गाँजा, सूखा खूब उड़ाया रे गुरुचरणामृत नेम ना धारे, मधुआ चाखन आया रे, मधुआ चाखन आया रे, मधुआ चाखन आया रे, डर लागे, डर लागे, डर लागे और हाँसी आवे, अजब जमाना आया रे, डर लागे, डर लागे, डर लागे और हाँसी आवे, अजब जमाना आया रे, उलटी चलन चली दुनिया में, ताते जी घबराया रे, कहत कबीर सुनों भाई साधो, का पाछे पछताया र...

कबीर भजन माला special

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  Kabir bhajan mala bambai पब्लिकेशन

देखो वृन्दावन की कुंज गलिन में, नाचत नन्द्कुमार।

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 देखो वृन्दावन की कुंज गलिन में, नाचत नन्द्कुमार। मोर-मुकुट सिर ऊपर सोहे, गल वैजंती माल पीताम्बर कटि बीच विराजे, मुरली अधर सुधार।देखो वृन्दावन की कुंज गलिन में, नाचत नन्द्कुमार। वीणा ताल मृदंगी बाजे, बाजे झाँझ सितार। खन-खन खन-खन नूपुर बाजे, कर-कंगन झनकार।देखो वृन्दावन की कुंज गलिन में, नाचत नन्द्कुमार। सखियों के संग राधा नाचें, नाचें ब्रज की नार। ग्वाल-बाल सब मिलकर नाचें, कर कर के सिंगार। देखो वृन्दावन की कुंज गलिन में, नाचत नन्द्कुमार। जलचर मोहे थलचर मोहे, मोहे नभ संसार। ब्रह्मानन्द मुनीश्वर मोहे, मुरली धुन निर्धार।देखो वृन्दावन की कुंज गलिन में, नाचत नन्द्कुमार।

सावना मै नही जयबे नंदनी

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कर सोलह सिंगार पिया के घर को जाऊंगी

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गोरिया पाई नही सैया के सगंवा मैं कजरी

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सजन रे झूठ मत बोलो, खुदा के पास जाना है

  सजन रे झूठ मत बोलो, खुदा के पास जाना है न हाथी है ना घोड़ा है, वहाँ पैदल ही जाना है तुम्हारे महल चौबारे, यहीं रह जाएंगे सारे - २ अकड़ किस बात कि प्यारे अकड़ किस बात कि प्यारे, ये सर फिर भी झुकाना है सजन रे झूठ मत बोलो, खुदा के पास जाना है ... भला कीजै भला होगा, बुरा कीजै बुरा होगा - २ बही लिख लिख के क्या होगा बही लिख लिख के क्या होगा, यहीं सब कुछ चुकाना है सजन रे झूठ मत बोलो, खुदा के पास जाना है ... लड़कपन खेल में खोया, जवानी नींद भर सोया - २ बुढ़ापा देख कर रोया बुढ़ापा देख कर रोया, वही किस्सा पुराना है सजन रे झूठ मत बोलो, खुदा के पास जाना है न हाथी है ना घोड़ा है, वहाँ पैदल ही जाना है सजन रे झूठ मत बोलो, खुदा के पास जाना है ...

हमरे अटरिया मैं आजा रे सवारिया

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बरसन लगी बदरिया रुम झूम के

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छायी घटा घनघोर गगन में

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तोर नैना के लगी कटार सजनी

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कजरी संग्रह

  Kajri संग्रह