कचौड़ी गली सून कैले बलमु ।

 सेजिया पे लोटे काला नाग हो

कचौड़ी गली सून कैले बलमु ।

मिर्जापुर कैले गुलजार हो,

कचौड़ी गली सून कैले बलमु ।


एही मिर्जापुर से उडल जहजिया,

सैंया चल गइल रंगून हो,

कचौड़ी गली सून कैले बलमु ।


पनवा से पातर भइल तोर धनिया,

देहिया गलेला जइसे नून हो,

कचौड़ी गली सून कैले बलमु ।


मनवा की बेदना बेदउ ना जाने,

करेजवा में लागल जैसे ख़ून हो,

कचौड़ी गली सून कैले बलमु ।

Comments

Popular posts from this blog

पंडित बाद बदे सो झूठा

झूलनी का रंग सांचा, हमार पिया |

गयो-गयो रे सास तेरो राज, जमाना आयो बहुअन का।