गुरू ने पठाया चेला

 गुरू ने पठाया चेला

नई नियामत लाना ।।

पहली नियामत' लकड़ी लाना,

जंगल झाड़ के पास न जाना।

गीली सूखी छोड़ के चेला,

गठडी बाँध के लाना ॥१॥

दूसरी नियामत जल ले आना,

कुआं बावड़ी के पास न जाना।

नाला नदी बचा के बच्चा,

तुम्बा भरके लाना ॥२॥

तीसरी नियामत आटा लाना,

गाँव नगर के पास न जाना।

कुटा पीसा छोड़ के चेला,

झोली

भरके लाना ||३||

चौथी नियामत कलियाँ लाना,

जीव अंकुर के पास न जाना।

गीली सूखी छोड़ के चेला,

टोकरि भरके लाना ||४||

पाँचवी नियामत अग्नि लाना,

चकमक लोह के पास न जाना।

ताता शीरा छोड़ के चेला,

अगीठी भरके लाना ॥५॥

छठवी नियामत दर्शन लाना,

मस्जिद मन्दिर के पास न जाना।

साधु फकीर छोड़ के चेला,

नयना भर के लाना ॥६॥

कहैं कबीर सुनो भाई साधो,

जिन लिन्हा तिन जाना ।

जो यह पद का अर्थ लगावे.

पावे पद

निर्वाना

||७||

0.

Comments

Popular posts from this blog

पंडित बाद बदे सो झूठा

झूलनी का रंग सांचा, हमार पिया |

गयो-गयो रे सास तेरो राज, जमाना आयो बहुअन का।