साधो कर्ता कर्म से न्यारा

 साधो कर्ता कर्म से न्यारा

साधो कर्ता कर्म से न्यारा ।

आये न जाये मरे नहि जनमे,

ताका करो विचारा टेक

राम के पिता दशरथ जो कहिये,

दशरथ कौने जाया ।

दशरथ पिता राम के दादा,

कहो कहाँ से आया ||१

राधा रुखमिनि कृष्ण की रानी,

कृष्ण दोउ का पिया ।

सोलह सहस गोपी उन भोगी,

भये काम के कीरा ॥२

वासुदेव पित मात देवकी,

नन्द मेहर घर आयो ।

ताको करता कैसे कहिये,

करम के हाथ बिकायो ||३|

जाके गगन धरनि है सहसो,

ताका सकल पसारा।

अनहद नाद शब्द धुन जाके,

सोई खसम हमारा ||४||

सतगुरू शब्द हिरदय दृढ़ राखो,

करो विवेक विचारा ।

कहैं कबीर सुनो भाई साधो,

है सत्य पुरूष अपारा ||५||

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