जग देखा ठाठ तम्बूरे का ।।
जग देखा ठाठ तम्बूरे का
जग देखा ठाठ तम्बूरे का ।।
पांच तत्व के बना तंबूरा,
त्रिगुन तार जहूरे का ||१||
बाजत है पर दीखत नाही,
इसमें नहीं सहूरे का ||२||
टुट गये तार उखड़ गई खूटी,
मिल गये धूरम धूरे का ||३||
कहें कबीर सुनो भाई साधो,
साहेब हाल हजूरे का ||४||
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