झीनी झीनी बीनी चदरिया

 झीनी झीनी बीनी चदरिया

झीनी झीनी बीनी चदरिया ॥

काहे के ताना.काहे के भरनी,

कौन तार के बीनी चदरिया ।

इंगला पिंगला ताना भरनी,

सुषमन तार से बीनी चदरिया ॥१॥

अष्ठ कमल दल चरखा डोलै,

पाँच तत्व गुण तीनी चदरिया।

सांई को बिनत मास दस लागे,

ठोक ठोक के बीनी चदरिया ॥२

सो चादर सुर नर मुनि ओढ़िन,

ओढ़ि के मैली कीनी चदरिया।

दास कबीर यतन से ओढ़ि,

ज्यों की त्यों धरि दीनी चदरिय ॥

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