भाई रे दुई जगदीश कहां से आया
भाई रे दुई जगदीश कहां से आया
भाई रे दुई जगदीश कहां से आया,
कहु कौने भरमाया ।
अल्लह राम करीमा केशव,
हरि हजरत नाम धराया ।।टेका।
गहना एक कनक ते गहना,
यामे भाव न दूजा ।
कहन सुनन को दुई कर थापे,
एक निमाज एक पूजा ॥१॥
वोही महादेव वोही मुहम्मद,
ब्रम्हा आ aदम कहिये ।
को हिन्दू को तुरक कहावे,
एक जमी पर रहिये
वेद किताब पढ़े वे कुतबा,
वे मुलना वे पांडे
बेगर बेगर नाम धराये,
एक माटी के भाडे ।
कहे कबीर ये दोनों भूले,
रामहि किनहु न पाया।
ये खस्सी' वे गाय कटावे,
वादहि जनम गमाया ||
Comments
Post a Comment