झूलनी का रंग सांचा, हमार पिया | झुलनी में गोरी जगा, हमर जिया || अंतरा – कौन सोनरवा बनायो रे झुलानिया, रंग पड़े नही कांचा, हमार पिया || झूलनी का रंग सांचा, हमार पिया || सुघर सोनरवा बनायो रे झुलनियाँ, दे अगिनी का आंचा, हमर पिया | झूलनी का रंग सांचा हमार पिया || छिति, जल, पावक, गगन समीरा, तत्व मिलाय दियो पांचो, हमर पिया | झूलनी का रंग सांचा, हमार पिया || पञ्च रतन से बनी रे झुलनियाँ, जोई पहिरा सोई नाचा, हमर पिया | झूलनी का रंग सांचा, हमार पिया || जतन से रखियो गोरी रे झुलनियाँ, गूंजे चहुँ दिसी नाचा, हमर पिया | झूलनी का रंग सांचा, हमार पिया || टूटी झुलानिया बहुरि नाही बनिहे, फिर न मिले ऐसा ढाँचा, सांच हमर पिया | झूलनी का रंग सांचा, हमार पिया ||
Comments
Post a Comment