गुरु दरिया में नहाना हो
गुरु दरिया में नहाना हो
गुरु दरिया में नहाना हो,
जासे दुरमत भागे ॥टेक
गुरु दरिया में सदा जल निरमल,
पैठत उपजत ज्ञाना हो ॥१॥
जब लग गुरु दरिया न पावे,
तब लग फिरत भुलाना हो ॥२॥
कोटिन तीरथ गुरु के चरनन,
श्रीमुख आप बखाना हो ॥३॥
कहे कबीर सुनो भाई साधो,
अजर अमर घर जाना हो ॥४॥
Comments
Post a Comment