कौन मिलावे जोगिया हो

 कौन मिलावे जोगिया हो

Kaun Milaawe Jogiya Ho

कौन मिलावे जोगिया हो, जोगिया बिन रहयो न जाय।


1. मैं जो प्यासी पीव की, रटत फिरौं पिउ पीव।

जो जोगिया नहिं मिलिहै हो, तो तुरत निकासूँ जीव।।


2. गुरु ही अहेरी मैं हिरनी, गुरु मारैं प्रेम का बान।

जेहि लागै सोई जानई हो, और दरद नहिं जान।


3. कहै मलूक सुनु जोगिनी रे, तनहि में मनहि समाय।

तेरे प्रेम के कारने जोगी, सहज मिला मोहि आय।

Comments

Popular posts from this blog

पंडित बाद बदे सो झूठा

झूलनी का रंग सांचा, हमार पिया |

गयो-गयो रे सास तेरो राज, जमाना आयो बहुअन का।