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Showing posts from August, 2025

सोने वाले जाग जा संसार मुसाफिर खाना है,

 किस धुन में बेठा वन्वारे तू किस मध में मस्ताना है, सोने वाले जाग जा संसार मुसाफिर खाना है, क्या लेकर के आया था जग में फिर क्या लेकर जाएगा, मुठी बांधे आया जग में हाथ पसारे जाना है, सोने वाले जाग जा संसार मुसाफिर खाना है, कोई आज गया कोई कल गया कोई चंद रोज में जायेगा जिस घर से निकल गया पंशी उस घर में फिर नही आना है, सोने वाले जाग जा संसार मुसाफिर खाना है, सूत मात पिता बांदव नारी धन धान यही रह जाएगा, यह चंद रोज की यारी है फिर अपना कौन बेगाना है, सोने वाले जाग जा संसार मुसाफिर खाना है,

जतन बिन मिरगाँ ने खेत उजाड्या जतन बिन मिरगाँ ने खेत उजाड्या।

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  जतन बिन मिरगाँ ने खेत उजाड्या जतन बिन मिरगाँ ने खेत उजाड्या। सुन रे मितर खेती वाला रै ॥टेर॥ पाँच मिरगला, पच्चीस मिरगली, असली तीन छुकाँरा। अपने अपने रस का भोगी, चरता है न्यारा न्यारा ॥1॥ मन रे मिरगलें, ने किस बिध रोकुँ, बिड़रत नाही बिड़ार्या। जोगी, जंगम, जती और सेवड़ा,पंड़ित पढ़ पढ़ हार्या ॥2॥ आम भी खाग्यो, आमली भी खाग्यो, खाग्यो केशर क्यारा। काया नगर में कुछ भी न छोड्या,ऐसा ही मिरग उजाड्या ॥3॥ शील संतोष की बाड़ छपाले,ध्यान गुरु रखवाला। प्रेम पारधी बाण संजोले, ज्ञान भाल से मार्या ॥4॥ नाथ गुलाब मिल्या गुरु पूरा, ऐसा ही मिरग बिड़ार्या। भानीनाथ शरण सतगुरु के, बेग ही बेग संभाल्या ॥5॥

तू लाख चले री गोरी थम-थम के पायल में गीत हैं छम-छम के

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  तू लाख चले री गोरी थम-थम के पायल में गीत हैं छम-छम के तू पिया से मिल कर आई है बस आज से नींद पराई है देखेगी सपने साजन के तू लाखे चले ... ये जीवन भर का रोग सखी तुझे पगली कहेंगे लोग सखी याद आयेंगे वादे बालम के तू लाख चले ... मैं ने भी किया था प्यार कभी आई थी यही आवाज़ कभी अब गीत मैं गाती हूँ ग़म के तू लाख चले ...

घर मोर परदेसिया आओ पधारो पिया घर मोर परदेसिया आओ पधारो पिया

 हाँ गयी पनघट पर भरण भरण पनियां दीवानी गयी पनघट पर भरण भरण पनियां.. गयी पनघट पर भरण भरण पनियां दीवानी गयी पनघट पर भरण भरण पनियां.. हो नैनो के, नैनो के तेरे बाण से मूर्छित हुई रे हिरनिया झूम झ ना ना ना ना.. झना ना ना ना ना.. बनी रे बनी मैं तेरी जोगनिया घर मोर परदेसिया आओ पधारो पिया घर मोर परदेसिया आओ पधारो पिया Read more: https://www.hinditracks.in/ghar-more-pardesiya-lyrics-kalank