तू लाख चले री गोरी थम-थम के पायल में गीत हैं छम-छम के

 

तू लाख चले री गोरी थम-थम के

पायल में गीत हैं छम-छम के


तू पिया से मिल कर आई है

बस आज से नींद पराई है

देखेगी सपने साजन के

तू लाखे चले ...


ये जीवन भर का रोग सखी

तुझे पगली कहेंगे लोग सखी

याद आयेंगे वादे बालम के

तू लाख चले ...


मैं ने भी किया था प्यार कभी

आई थी यही आवाज़ कभी

अब गीत मैं गाती हूँ ग़म के

तू लाख चले ...

Comments

Popular posts from this blog

पंडित बाद बदे सो झूठा

कचौड़ी गली सून कैले बलमु ।

बसो मोरे नैनन में नंदलाल।