सैया रूठ गये सैया रूठ गये

 सैया रूठ गये सैया रूठ गये

में मनाती रही सैया रूठ गये

में मनाती रही जी सैया रूठ गये

शाम जाने लगे में बुलाती रही

में बुलाती रही

सैया रूठ गये सैया रूठ गये

में मनाती रही सैया रूठ गये

मेरे सुने मधुबन मे बाहर आ गयी

मेरे नैना मे असुवान की धार आ गयी

अंबुआ

आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ

अंबुआ की डारी पे वो

अंबुआ की डारी पे

अंबुआ की डारी पे बैरी कोयलिया

गा गा के मुझे रूलाती रही

सैया रूठ गये सैया रूठ गये

में मनाती रही सैया रूठ गये

सैया रूठ गये

शाम जाने लगे शाम जाने लगे

में बुलाती रही

रूठ गये सैया रूठ गये

सैया रूठ गये सैया रूठ गये

में मनाती रही सैया रूठ गये

सैया रूठ गये

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