उद्धव अब के गए कब अईहो -२
उद्धव अब के गए कब अईहो -२
हाँ..... हो अब के गए कब अईहो -2
उद्धव अब के..........
सावन में हरियावन कहिगे भादव भूलि न जाईहो ।
क्वार मास मा हरि नहि आये कपटी मित्र कहईहो।।
उद्धव अब के..........
कातिक पाती लिखी कामिनी अगहन बांस सुनहईहो।
पूस मास बहु पाला पड़त है कहिके गले लपटईहो।।
उद्धव अब के..........
माहे मारि गये हरि हमका फागुन रंग उड़ाईहो।
चैत मास बन फुलै चमेली कहके गले पहिरईहो।।
उद्धव अब के..........
बैसाखै लूक लगै तन मेरो जेठे तपन बुझईहो।
मास आषाढ़ पूर भई आशा सूरदास यस गइहो।।
उद्धव अब के..........
निर्देशक ; श्री राजेंद्र बहादुर सिंह ,श्री राजेंद्र सिंह (विषधर )
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